नवरात्रि के सातवे दिन हम माँ कालरात्रि की आराधना करते है।
नवरात्रि-2023 सातवे दिन की शुभकामनाएं : शारदीय नवरात्रि 2023 शुरू हो चुकी है। शारदीय-नवरात्रि उत्सव में देवी दुर्गा की नौ दिवसीय पूजा रविवार, 15 अक्टूबर को शुरू हो चुकी है और सोमवार, 23 अक्टूबर, 2023 तक चलेगी।
नवरात्रि-2023: माँ कालरात्रि की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, रक्तबीज नामक एक दैत्य ने चारों ओर हाहाकार मचा रखा था. उसके आतंक से मानव से लेकर देवता सभी परेशान थे. रक्तबीज को ऐसा वरदान प्राप्त था कि, उसके रक्त की बूंद धरती पर गिरते ही उसी के समान एक और शक्तिशाली दैत्य तैयार हो जाएगा. इस तरह रक्तबीज की सेना तैयार होती गई और उसका आतंक भी बढ़ता गया. रक्तबीज से परेशान होकर सभी देवतागण भगवान शिव के पास पहुंचे. शिव जी जानते थे कि रक्तबीज का अंत केवल माता पार्वती ही कर सकती हैं. इसलिए उन्होंने माता पार्वती से अनुरोध किया. तब माता पार्वती ने अपनी शक्ति और तेज से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया. (यह भी पढ़ें: राशिफल 21 अक्टूबर 2023)
मां कालरात्रि का रूप रौद्र और विकराल था. गर्दभ की सवारी, काला रंग, खुले केश, गले में मुंडमाला, एक हाथ वर मुद्रा में, एक हाथ अभय मुद्रा में, एक हाथ में लोहे का कांटा और एक हाथ में खड्ग. मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध करते हुए उसके शरीर से निकलने वाले रक्त के बूंद को जमीन पर गिरने से पहले ही पी लिया और इस तरह से मां ने रक्तबीज के आतंक से मानव और देवताओं को मुक्त कराया. मां के इस रूप को कालरात्रि और कालिका भी कहा जाता है. यह भी पढ़ें: नवरात्रि : पाठ श्री दुर्गा चालीसा)
माता कात्यायनी मंत्र
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: