Shardiya Navratri 2024 Date:कल से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि, नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा का महत्व, जानें कलश स्थापना मुहूर्त।

कल से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि?

हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि कल से शुरू हो रही हैं और 11 अक्टूबर को इनका समापन होगा। शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ पितृ पक्ष के समापन के बाद यानी आश्विन आमवस्या के बाद ही होता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। सालभर में कुल 4 नवरात्रि आती हैं जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व काफी ज्यादा होता है.

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सनातन धर्म में नवरात्रि को बहुत ही खास माना जाता है। साल में चार बार नवरात्रि आते हैं। माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन। इनमें से माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। चैत्र मास में वासंतिक अथवा वासंतीय और दूसरा अश्विन मास में शारदीय नवरात्र, माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि होती हैं। शारदीय नवरात्र का समापन दशहरा को दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के रूप में होता है। नवरात्रि में तीन तीन माह का अंतर होता है । हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से के सबसे पहले चैत्र मास में 9 दिन चैत्र नवरात्रि के होते है।

उसके बाद तीन माह बाद आषाढ़ में गुप्त नवरात्रे आते है । उसके फिर तीन माह बाद शारदीय नवरात्रे और फिर अंत में गुप्त नवरात्रे माघ माह में आते है। नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है, जिसे नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि का दसवां दिन विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है. 

हिन्दू धर्म के लोग शारदीय नवरात्रि बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं. नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नाम की झांकियां भी निकाली जाती हैं. आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होता है. यह नवरात्रि शरद ऋतु में आती है, इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं. नवरात्रि के आखिरी 3 दिन बहुत ही खास होते हैं जिसमें दुर्गा सप्तमी, दुर्गा अष्टमी और दुर्गा नवमी हैं. 

नवरात्र का पहला दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन पर माता रानी के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना का विधान है। नवरात्र पूजा की शुरुआत घटस्थापना के साथ होती है। ऐसा माना जाता है कि यदि पूरे विधि-विधान के साथ घटस्थापना की जाए, तो इससे माता रानी का साधक के घर में आगमन होता है.

शारदीय नवरात्रि 2024 का शुभारंभ

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा ति​थि का प्रारंभ 2 अक्टूबर को देर रात 12:18 बजे से होगा. यह तिथि 4 अक्टूबर को तड़के 02:58 बजे तक मान्य रहेगी. ऐसे में उदयाति​थि के आधार पर इस साल शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 3 अक्टूबर दिन गुरुवार से हो रहा है.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 03 अक्टूबर, 2024 को रात 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 04 अक्टूबर को रात 02 बजकर 58 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्र का पहला दिन 03 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दौरान घट स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं – घटस्थापना मुहूर्त – प्रातः 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक, घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक

शारदीय नवरात्रि

3 अक्टूबर 2024, गुरुवार मां शैलपुत्री पहला दिन
4 अक्टूबर 2024, शुक्रवार मां ब्रह्मचारिणी दूसरा दिन
5 अक्टूबर 2024, शनिवार मां चंद्रघंटा तीसरा दिन
6 अक्टूबर 2024, रविवार मां कुष्मांडा चौथा दिन
7 अक्टूबर 2024, सोमवार मां स्कंदमाता पांचवा दिन
8 अक्टूबर 2024, मंगलवार मां कात्यायनी छठा दिन
9 अक्टूबर 2024, बुधवार मां कालरात्रि सातवां दिन
10 अक्टूबर 2024, गुरुवार मां महागौरी आठवां दिन
11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार महानवमी, नौवां दिन

जानिए कब है दुर्गा अष्टमी ?

दुर्गा अष्टमी आश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल दुर्गा अष्टमी 11 अक्टूबर दिन शुक्रवार को है. उस दिन कन्या पूजा की जाएगी.

नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इस वेदी को कलश पर स्थापित किया जाता है. हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक काम से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान है और कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है इसलिए इस परंपरा का निर्वाह किया जाता है.

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