28 घंटे सफर करके इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे शुभांशु, रचा इतिहास, बिताएंगे 14 दिन

28 घंटे सफर करके इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे शुभांशु, रचा इतिहास

भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सफलतापूर्वक कदम रखकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। शुभांशु, अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय, और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं।

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स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़ा एक्सिओम-4 मिशन बुधवार, 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुआ था। लगभग 28.5 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा के बाद, 26 जून को शाम 4:01 बजे ड्रैगन कैप्सूल ने आईएसएस से संपर्क स्थापित किया।डॉकिंग की प्रक्रिया शाम 4:15 बजे पूरी हुई, जिसमें ‘सॉफ्ट कैप्चर’ और ‘हार्ड मेटिंग’ के जरिए स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस से स्थायी रूप से जोड़ा गया। इसके करीब 2 घंटे बाद हैच खोला गया और चारों अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष स्टेशन के भीतर दाखिल हुए।

शुभांशु: मिशन पायलट और भारत की नई पहचान

मिशन की कमान अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन के हाथ में है, जबकि शुभांशु शुक्ला को मिशन का पायलट नियुक्त किया गया है। इसका अर्थ है कि स्पेसक्राफ्ट के नैविगेशन, डॉकिंग और आपातकालीन निर्णयों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। इस मिशन में वह सेकंड-इन-कमांड की भूमिका निभा रहे हैं।

नमस्कार फ्रॉम स्पेस – शुभांशु का भावुक संदेश

ISS में प्रवेश के बाद, वेलकम सेरेमनी में शुभांशु ने कहा:

यह मेरी किस्मत है कि मुझे पृथ्वी को अंतरिक्ष से देखने का मौका मिला। यह दिखने में आसान लगता है, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना बेहद मुश्किल रहा। मेरा सिर थोड़ा भारी है, लेकिन जल्द ही इसकी आदत हो जाएगी।

उन्होंने दिन में क्रू के साथ लाइव बातचीत के दौरान कहा –

नमस्कार फ्रॉम स्पेस! यहां मैं एक बच्चे की तरह सब कुछ सीख रहा हूं – अंतरिक्ष में चलना, खाना और जीना।”

भारत के वैज्ञानिक हित और खास ‘स्पेस थाली’

शुभांशु अपने साथ इसरो द्वारा भेजे गए कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपकरण, जीवाश्म, पौधे और प्रयोगों से जुड़ी सामग्री ले गए हैं। इन प्रयोगों के निष्कर्ष भारत के आगामी गगनयान मिशन के लिए अहम साबित होंगे।
इसके साथ ही, उन्होंने भारतीय स्वाद को भी अंतरिक्ष में पहुंचाया आम रस, मूंग दाल हलवा, गाजर का हलवा और चावल से बनी अन्य चीजें उनके भोजन का हिस्सा हैं। यह पहली बार है जब भारतीय व्यंजन अंतरिक्ष में पहुंचे हैं।

🇮🇳 41 साल बाद भारत की वापसी

शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा 41 साल बाद किसी भारतीय की अंतरिक्ष में वापसी है। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत यूनियन के ‘सोयूज’ अंतरिक्ष यान के ज़रिए अंतरिक्ष की यात्रा की थी।

14 दिन का ऐतिहासिक मिशन

एक्सिओम-4 मिशन के तहत सभी अंतरिक्ष यात्री 14 दिन ISS में बिताएंगे। इस दौरान विभिन्न वैज्ञानिक, जैविक और तकनीकी प्रयोग किए जाएंगे।

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