मथुरा के सिहोरा गांव में नागिन के डसने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो अन्य की हालत गंभीर है। घटना की शुरुआत 2 जुलाई को हुई, जब नामकरण समारोह के दौरान एक नाग को मार दिया गया। इसके चार दिन बाद एक काली नागिन घर के आसपास दिखने लगी। गुरुवार सुबह नागिन ने मनोज को डस लिया, जिनकी अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। शनिवार रात मनोज के जीजा दिनेश और भाई पप्पू को भी नागिन ने डस लिया। गांववालों ने नागिन को पकड़कर डिब्बे में बंद कर दिया। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि सांप के काटने पर तुरंत सरकारी अस्पताल जाकर एंटीवेनिन इंजेक्शन लेना चाहिए।
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मथुरा जिले की महावन तहसील के सिहोरा गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। गांव के एक युवक मनोज की सांप के डसने से मौत हो गई, जबकि दो अन्य ग्रामीण भी नागिन के हमले का शिकार बने। गांव में यह घटना ‘बदला लेने वाली नागिन’ की कहानी की तरह देखी जा रही है।
शुरुआत एक नाग की मौत से हुई
स्थानीय लोगों का कहना है कि मनोज की पत्नी के भाई सचिन ने 2 जुलाई को घर में घुसे एक सांप को लाठी से मार दिया था। अगले ही दिन से घर के आसपास एक काली नागिन दिखाई देने लगी, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। ग्रामीणों का मानना है कि मारे गए सांप का जोड़ा बदला लेने आया था।
नागिन के डसने से मनोज की हुई मौत
बताया जा रहा है की गुरुवार सुबह करीब 4 बजे सोते समय मनोज को नागिन ने डस लिया। झाड़-फूंक कराने के बावजूद उसकी हालत बिगड़ती चली गई। पहले स्थानीय अस्पताल, फिर जयपुर के बड़े अस्पताल में इलाज कराया गया, लेकिन जान नहीं बच सकी।
फिर दो और ग्रामीण को नागिन ने डसा
लोगों का कहना है कि मनोज की मौत के दो दिन बाद शनिवार को उनके जीजा दिनेश और भाई पप्पू को भी नागिन ने डस लिया। दोनों एक ही कमरे में सो रहे थे। तुरंत झाड़-फूंक शुरू कर दी गई, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। बाद में दोनों को बाहर के गांव में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां मशक्कत के बाद उनकी जान बचाई जा सकी।
ग्रामीणों ने नागिन को मार डाला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रात को जब नागिन फिर दिखाई दी, तो ग्रामीणों ने उसे घेरकर लाठियों से पीट-पीटकर मार दिया। इस घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल है और लोग सहमे हुए हैं।
झाड़-फूंक पर अब भी भरोसा, वैज्ञानिक उपचार की अनदेखी
गांव में सांप के काटने पर आज भी झाड़-फूंक को प्राथमिकता दी जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्पदंश की स्थिति में तुरंत मेडिकल इलाज और एंटीवेनिन इंजेक्शन ही जीवन रक्षक हो सकता है। यह इंजेक्शन चार प्रकार के ज़हरों के खिलाफ काम करता है और जान बचाने में बेहद असरदार है।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को चेतावनी दी गई है कि किसी भी सर्पदंश की घटना में बिना समय गंवाए पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले जाएं और झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें।