प्रशांत किशोर के अनशन के बाद प्रशासन ने लिया एक्शन, FIR दर्ज।

प्रशांत किशोर के अनशन के बाद प्रशासन ने लिया एक्शन

पटना के गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर अपने करीब 150 कार्यकर्ताओं के साथ 5-सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। गांधी मूर्ति के पास वे अनशन पर अड़े हुए हैं। इस बीच, पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रशांत किशोर और उनके समर्थक अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं, जबकि प्रशासन ने इस मामले में एक्शन लेना शुरू कर दिया है।

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पटना के गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर अपने लगभग 150 कार्यकर्ताओं के साथ 5-सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। गांधी मूर्ति के समीप वे आमरण-अनशन पर अड़े हुए हैं। इस बीच, पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रशांत किशोर और उनके समर्थक अपनी मांगों को लेकर दृढ़ निश्चय दिखा रहे हैं, जबकि प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

पीके बिना अनुमति के गांधी मैदान में अनशन कर रहे हैं, प्रशासन ने लिया एक्शन

सूत्रों के अनुसार, पटना उच्च न्यायालय के आदेशानुसार धरना-प्रदर्शन के लिए गर्दनीबाग में एक निर्धारित स्थल है, जहां पिछले सात वर्षों से सभी राजनीतिक दल अपनी मांगों को लेकर धरना करते आ रहे हैं। लेकिन जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर बिना किसी अनुमति के गांधी मैदान में धरने पर बैठ गए हैं। प्रशासन ने इस पर कार्रवाई करते हुए प्रशांत किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रशांत किशोर का बिना अनुमति के गांधी मैदान में धरना देना न केवल गैर-कानूनी है, बल्कि यह स्थापित परंपरा के भी खिलाफ है.

प्रशासन ने जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है। प्रशासन ने उन्हें निर्देशित किया है कि वे अपना धरना गांधी मैदान से निर्धारित स्थल, गर्दनीबाग में स्थानांतरित करें। अगर प्रशांत किशोर ने ऐसा नहीं किया तो प्रशासन आगे विधि-सम्मत कार्रवाई करेगा।

प्रशांत किशोर ने रखी 5 प्रमुख मांगें, प्रशासन से की सख्त कार्रवाई की मांग

जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने अपनी 5 प्रमुख मांगें प्रशासन के सामने रखी हैं। उनकी मांगें हैं:

  1. 70वीं BPSC परीक्षा में अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाए।
  2. 2015 के 7 निश्चय के तहत किए गए वादों के अनुसार 18 से 35 वर्ष तक के हर बेरोजगार युवा को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
  3. पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और श्वेत पत्र जारी किया जाए।
  4. बिहार में लोकतंत्र की जननी बनने के बजाय लाठीतंत्र का प्रतीक बनने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
  5. बिहार की सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं की कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाए।

नीतीश कुमार से नाराज हुए प्रशांत किशोर, कही बड़ी बात

जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने बिहार की सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार छात्रों के खिलाफ है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि जब छात्र आंदोलन वापस लेने को तैयार हो गए थे, तब भी उन्होंने उनसे मिलने पर विचार नहीं किया।

प्रशांत किशोर ने कहा, मुख्यमंत्री का कहना है कि परीक्षाएं नहीं हो सकतीं और छात्रों को पुलिस द्वारा पीटा गया। इस परिस्थिति में हमारे पास केवल एक ही रास्ता बचा है, और इसलिए मैं अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठा हूं.

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