इस बार गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 7 सितंबर यानी आज मनाया जा रहा है. यह पावन पर्व हर साल भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करते हैं और दस दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। गणेश चतुर्थी हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है. जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है और माना जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी प्रकार के दुख और कष्टों का नाश होता है.
भारत में हर साल भाद्रपद माह में गणेश चतुर्थी बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाई जाती है। शनिवार 07 सितंबर से इस पर्व की शुरुआत हो रही है। गणेश चतुर्थी पर लोग अपने घरों में बप्पा की मूर्ति की स्थापना करते हैं. और 10 दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में यदि आप भी गणेश जी की स्थापना कर रहे हैं तो पूजा के दौरान उनकी आरती व मंत्रों का जाप जरूर करें। गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर यानी आज से शुरू हो रहा है और 17 सितंबर को यह पर्व अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होगा.

गणेश स्थापना मुहूर्त
गणेश स्थापना के लिए ये 3 शुभ मुहूर्त शुभ हैं –
- पहला मुहूर्त – सुबह 08 बजे से सुबह 09 बजकर 30 मिनट तक
- दूसरा मुहूर्त (मध्याह्न काल) – सुबह 11 बजकर 20 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक
- तीसरा मुहूर्त – दोपहर 02 बजे से शाम 05 बजकर 30 मिनट तक

गणेश जी की पूजा विधि
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि बहुत ही सरल और प्रभावी है। गणपति की पूजा में सबसे पहले एक साफ और शांत जगह पर आसन बिछाकर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए . मूर्ति गंगाजल से शुद्ध करनी चाहिए . उसके बाद रोली, चंदन और फूलों से गणेश जी को सजाएं. उनकी सूंड पर सिंदूर लगाएं और दूर्वा चढ़ाएं. फिर घी का दीपक और धूप जलाकर गणेश जी को मोदक व फल का भोग अर्पित करें. इसके बाद गणेश मंत्रों का उच्चारण करें और गणेश चालीसा का पाठ करें। पूजा के अंत में गणेश जी की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें मोदक, लड्डू और दूर्वा घास जरूर अर्पित करना चाहिए।

गणेश चतुर्थी के लिए पूजन सामग्री
गणेश चतुर्थी के पूजन सामग्री- गंगाजल, धूप, दीप, कपूर, कपूर, मूर्ति स्थापित करने के लिए चौकी, लाल रंग का कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, रोली, कलश, मोदक, फल, सुपारी, लड्डू, मौली, पंचामृत, लाल चंदन, पंचमेवा इत्यादि. इन चीजों के बगैर गणेश चतुर्थी की पूजा अधूरी मानी जाती है.

गणेश जी की पूजा के दौरान इन मंत्रों का करना चाहिए जाप
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र,वक्रतुंड,गणपति गुरु गणेश
जानिए धन की प्राप्ति के लिए उपाय कौन सा उपाय करना चाहिए?
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को दुर्वा और फूलों की माला की अर्पित करने के साथ साथ “वक्रतुण्डाय हुं” मंत्र का 54 बार जाप करने से बप्पा की कृपा द्रष्टि घर पर बनी रहती है और धन की कोई कमी नहीं होती है.

बाधा और संकट के लिए उपाय
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के सामने चौमुखी दीपक जलाएं और अपनी सभी बाधाएं दूर करने के लिए श्रीगणेश के आगे प्रार्थना करें. ऐसा करने से विघ्नहर्ता आपके घर के सभी संकट दूर कर देते हैं और सुख समृद्धि का वास होता है.
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