प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पदयात्रा के समय में बदलाव किया गया है। अब यह यात्रा रात्रि 2 बजे की बजाय सुबह 4 बजे से आरंभ होगी। यह निर्णय संत महाराज के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि, समय में बदलाव के बावजूद भक्तों की श्रद्धा और उत्साह में कोई कमी नहीं आई है।
यह भी पढ़ें: जारी हुआ यूपीएससी सिविल सर्विस का रिजल्ट, प्रयागराज की शक्ति दुबे ने सबसे पहले किसे किया फोन
स्वास्थ्य में सुधार के बाद फिर शुरू हुई पदयात्रा
बीते कुछ समय से संत प्रेमानंद महाराज स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे, जिस कारण उनकी नियमित पदयात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी। उस दौरान वे गाड़ी से निकलकर भक्तों को दर्शन दे रहे थे। अब जब उनके स्वास्थ्य में सुधार है, तो यात्रा पुनः आरंभ कर दी गई है—नए समय के साथ।
भक्तों की आस्था अडिग
समय में बदलाव से न भक्तों की श्रद्धा डगमगाई और न ही उनकी प्रतीक्षा। दिल्ली से आए श्रद्धालु राहुल ने कहा, “यह समय की नहीं, आस्था की बात है। महाराज जब भी निकलें, हम उनके दर्शन के लिए तत्पर रहते हैं।
पदयात्रा में शामिल भक्त अब भी पूरी रात मार्ग पर बैठकर दर्शन का इंतज़ार करते हैं। उनका विश्वास यही कहता है कि- महाराज के कदम जहाँ पड़ते हैं, वह मार्ग पवित्र हो जाता है।
रात्रि की भक्ति में डूबा वृंदावन
सोमवार रात वृंदावन एक बार फिर भक्ति की लहर में डूब गया। जैसे ही संत प्रेमानंद महाराज ने अपने निवास ‘श्री कृष्ण शरणम’ से यात्रा आरंभ की, पूरा रमनरेती मार्ग भजनों, जयकारों और श्रद्धालुओं की गूंज से जीवंत हो उठा।
आस्था से सजी पदयात्रा की राह
पदयात्रा से एक रात पूर्व, श्रद्धालुओं ने पूरे मार्ग को दीपों और रंगोलियों से सजाया। श्री कृष्ण शरणम से लेकर राधा हित केली कुंज आश्रम तक का रास्ता आस्था के दीपों से रोशन था। जब महाराज यात्रा पर निकले, हज़ारों भक्तों ने पुष्पवर्षा और भजन गाकर उनका स्वागत किया।
भविष्य की यात्रा का संकेत
संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है और उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में यात्रा पहले की ही भांति नियमित रूप से जारी रहेगी। भक्तगण भी आश्वस्त हैं कि महाराज की कृपा और मार्गदर्शन यूँ ही बना रहेगा।