मथुरा – वृंदावन : UP सरकार, बांके बिहारी मंदिर शिफ्ट करने के खिलाफ
हाइलाइट्स
1- इलाहाबाद हाई कोर्ट में मथुरा वृंदावन कॉरीडोर के बारे में चल रही सुनवाई
2- सेवायता दाताएं ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को ज़मीन प्रदान करनी चाहिए, ताकि मंदिर बना सकें
3- उत्तर प्रदेश सरकार बांके बिहारी मंदिर को शिफ्ट करने के खिलाफ है।
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मथुरा : इलाहाबाद हाई कोर्ट में मथुरा वृंदावन कॉरिडोर निर्माण मामले में मंगलवार को तब नयी दिशा मिली, जब सेवायता संगठनों ने सरकार से मांग की कि वे भूमि प्रदान करें, ताकि वे बांके बिहारीजी के लिए नया मंदिर बना सकें। हालांकि, यूपी सरकार ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि किसी भी स्थिति में मंदिर को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। सरकार ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, कहकर कि यह एक निजी मंदिर नहीं है। फिलहाल, यूपी सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। अब अदालत इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगी। इस मामले में अनंत शर्मा की ओर से दाखिल अर्जी पर चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
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पहले ही सुनवाई की शुरुआत पर, याची वकील ने सिविल कोर्ट द्वारा बांके बिहारी मंदिर को पूरी डिग्री के साथ वापस लेने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इसे वापस दिलाना चाहिए। वहीं, सेवायतों के वकील संकल्प गोस्वामी ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि उनका प्रस्ताव है कि यूपी सरकार उनको 10 एकड़ ज़मीन प्रदान करे, ताकि वे बांके बिहारी जी के लिए एक नया मंदिर बना सकें। क्योंकि मंदिर उनका स्वामित्व है, वे उसके मालिक हैं। इससे कुंज गलियों का रूप भी बरकरार रहेगा और सब कुछ सुरक्षित रहेगा।
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आज होगी सुनवाई
सेवायतों के प्रस्ताव पर कोर्ट ने यूपी सरकार की दृष्टि जानने के लिए कहा, जिस पर सरकार ने इसका खिलाफ़ किया। सरकारी वकील कुणाल रवि ने कहा कि बांके बिहारी जी का मंदिर जहां है, वहीं बना रहेगा, इसे किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करना संभव नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने समय की बजह से सुनवाई को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया है। आज बुधवार को बहस होगी।