Vice President: मानसून सत्र के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य का दिया हवाला; राष्ट्रपति को सौंपा त्यागपत्र

मानसून सत्र के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों और डॉक्टरों की सलाह का हवाला देते हुए त्यागपत्र दिया है। 74 वर्षीय धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।धनखड़ ने अपने पत्र में राष्ट्रपति को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री व मंत्रिपरिषद का भी आभार जताया।उन्‍होंने 2022 में 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और मार्गरेट अल्वा को हराकर यह पद हासिल किया था।यह पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने संसद सत्र के दौरान और कार्यकाल के बीच में इस्तीफा दिया है। वे राज्यसभा के सभापति भी थे।

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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों और डॉक्टरों की सलाह का हवाला देते हुए त्यागपत्र दिया है। 74 वर्षीय धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।धनखड़ ने अपने पत्र में राष्ट्रपति को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री व मंत्रिपरिषद का भी आभार जताया।उन्‍होंने 2022 में 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और मार्गरेट अल्वा को हराकर यह पद हासिल किया था।यह पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने संसद सत्र के दौरान और कार्यकाल के बीच में इस्तीफा दिया है। वे राज्यसभा के सभापति भी थे।

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जो देश के संवैधानिक इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना है। धनखड़ ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि उन्होंने यह फैसला स्वास्थ्य कारणों और डॉक्टरों की सलाह के आधार पर लिया है। उनका इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत स्वीकार किया गया है।

धनखड़ ने अपने पत्र में कहा, मैं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और डॉक्टरों की सलाह का पालन करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। यह मेरे लिए एक गौरवपूर्ण अनुभव रहा है। मैं माननीय राष्ट्रपति को उनके सतत सहयोग के लिए आभार प्रकट करता हूं।”

संसद, प्रधानमंत्री और लोकतंत्र का जताया आभार

धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद का भी विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री से मुझे जो मार्गदर्शन और सहयोग मिला, वह अत्यंत मूल्यवान रहा। मैंने संसद के माननीय सदस्यों से जो स्नेह, विश्वास और अपनापन पाया, वह मेरी स्मृति में हमेशा रहेगा।धनखड़ ने अपने कार्यकाल को भारतीय लोकतंत्र में सेवा का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया और कहा किभारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक उत्थान का साक्षी बनना मेरे लिए गौरव का विषय रहा है।

पहली बार किसी उपराष्ट्रपति ने बीच कार्यकाल में दिया इस्तीफा

भारत के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी उपराष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया हो।

उत्तराखंड दौरे में बिगड़ी थी तबीयत

धनखड़ पिछले महीने उत्तराखंड के दौरे पर थे, जहाँ कुमाऊं विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार दिया, जिसके बाद वे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के साथ राजभवन लौटे थे।

अगस्त 2027 में होनी थी सेवानिवृत्ति

धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक निर्धारित था। उन्होंने पहले कहा था कि “ईश्वर की कृपा रही तो अगस्त 2027 में सेवानिवृत्त होंगे। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और एक प्रसिद्ध वकील थे।

मानसून सत्र के दौरान इस्तीफा दिया इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने 6 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने मानसून सत्र के दौरान इस्तीफा दिया है. मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार (21 जुलाई 2025) को राज्यसभा में राजनीतिक दलों से तनाव कम करने और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बढ़ावा देने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि एक समृद्ध लोकतंत्र निरंतर टकराव की स्थिति में टिक नहीं सकता.

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