वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर निर्माण को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हो गई है। सोमवार को ब्रज तीर्थ विकास परिषद कार्यालय में आयोजित बैठक में स्थानीय महिला यति गोस्वामी ने स्वेच्छा से अपनी 75 वर्ग मीटर जमीन कॉरिडोर के लिए देने का सहमति पत्र जिलाधिकारी को सौंपा। गली हिसारियन स्थित संपत्ति के दस्तावेज सौंपते हुए यति गोस्वामी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया और कहा कि वह वृंदावन विकास के इस महायज्ञ में अपनी आहुति देने को तैयार हैं।बैठक में ब्रज वृंदावन देवालय समिति के पदाधिकारियों के साथ जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने स्पष्ट किया कि कॉरिडोर निर्माण से मंदिर की परंपराओं, सेवा-पूजा या दान-दक्षिणा की व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।कॉरिडोर का उद्देश्य केवल श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाना है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मंदिर न्यास का गठन किया गया है और किसी प्रकार की भ्रांतियों पर ध्यान न देने की अपील की गई है।
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वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज़ हैं। सोमवार को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद कार्यालय में जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें ब्रज वृंदावन देवालय समिति के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान गली हिसारियन निवासी और श्री राधाबल्लभ मंदिर परिवार से जुड़ी यति गोस्वामी ने कॉरिडोर निर्माण के लिए अपनी 75 वर्ग मीटर भूमि स्वेच्छा से देने का निर्णय लिया। उन्होंने जिलाधिकारी को संबंधित रजिस्ट्री दस्तावेज सौंपते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति विश्वास व्यक्त किया और कहा कि उन्हें सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवज़े पर पूर्ण भरोसा है।
यति गोस्वामी ने इसे वृंदावन विकास के महायज्ञ में आहुति” बताते हुए कहा कि यह कदम बिहारी जी के भक्तों की सुविधा के लिए है।इस मौके पर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मंदिर न्यास और कॉरिडोर निर्माण केवल श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु किया जा रहा है और इससे सेवायत गोस्वामीयों के सेवा-पूजा के अधिकारों में कोई बदलाव नहीं होगा। दक्षिणा, दान और पारंपरिक व्यवस्थाएं पूर्ववत बनी रहेंगी।
जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर कॉरिडोर निर्माण किया जा रहा है और इस संबंध में फैलाई जा रही भ्रांतियों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मंदिर से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी और परंपराओं को पूर्ण सम्मान दिया जाएगा।
ब्रज वृंदावन देवालय समिति के अध्यक्ष आलोक गोस्वामी ने भी प्रशासन के आश्वासनों को संतोषजनक बताया और कहा कि सेवायतों की शंकाओं का समाधान सफलतापूर्वक किया गया है।इस बैठक में ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र भी मौजूद रहे। यह बैठक जमीन अधिग्रहण की दिशा में पहला ठोस कदम मानी जा रही है, जिससे परियोजना के क्रियान्वयन को नई गति मिलने की उम्मीद है।