वृंदावन: ठाकुर राधारमण मंदिर में तिरोभाव महोत्सव की भव्य छटा, हेमा मालिनी की भावपूर्ण प्रस्तुति ने मोहा मन

वृंदावन: ठाकुर राधारमण मंदिर में हेमा मालिनी ने दी भावपूर्ण प्रस्तुति

वृंदावन के प्राचीन ठाकुर राधारमण मंदिर में चल रहे श्री गोपाल भट्ट गोस्वामीपाद के तिरोभाव महोत्सव में मंगलवार को अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने भक्ति नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।हेमा मालिनी ने पारंपरिक दक्षिण भारतीय वेशभूषा में राधा-कृष्ण लीला को भरतनाट्यम के माध्यम से प्रस्तुत किया। 76 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने 30 मिनट तक रास मंडप में नृत्य कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।प्रस्तुति के अंत में कान्हा बने कलाकार ने अपनी माला हेमा मालिनी को पहनाई, जिस पर वह झुककर भगवान को प्रणाम करती दिखीं।हेमा ने कहा, “यह मेरा तीसरी बार राधारमण लाल जी के रास स्थल पर नृत्य करने का सौभाग्य है।महोत्सव में प्रतिदिन ठाकुर जी की राग सेवा, फूल बंगले, और विशेष दर्शन हो रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन पुंडरीक गोस्वामी महाराज के सान्निध्य में किया जा रहा है।

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वृंदावन स्थित प्राचीन ठाकुर राधारमण मंदिर में इन दिनों श्री गोपाल भट्ट गोस्वामीपाद महाराज के तिरोभाव महोत्सव की भव्यता देखते ही बन रही है।। सप्त देवालयों में से एक इस मंदिर में ठाकुर राधारमण लाल जी की राग सेवा, फूलों से सजे विशेष बंगले और आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं को अनूठा दिव्य अनुभव प्रदान कर रहे हैं।

मंगलवार को महोत्सव के विशेष आयोजन में प्रसिद्ध अभिनेत्री एवं सांसद हेमा मालिनी ने रास स्थली पर नृत्य-नाट्य की भक्ति प्रस्तुति दी। भरतनाट्यम की पारंपरिक शैली में प्रस्तुत इस नृत्य में हेमा मालिनी कभी राधा, तो कभी मीरा के स्वरूप में दिखाई दीं।

76 वर्षीय हेमा मालिनी ने उमस और गर्मी की परवाह किए बिना लगभग 30 मिनट तक लगातार नृत्य किया। प्रस्तुति के अंत में कृष्ण स्वरूप में एक कलाकार द्वारा उन्हें माला पहनाई गई, जिसे पाकर हेमा भावविभोर होकर ठाकुर जी के चरणों में नतमस्तक हुईं।

हेमा मालिनी ने कार्यक्रम के बाद कहा-यह मेरा तीसरा अवसर है जब मुझे ठाकुर राधारमण लाल जी के रास स्थल पर नृत्य सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह मेरे लिए अत्यंत सुखद और आध्यात्मिक अनुभव है।

सेवा अमृत महोत्सव का संचालन मंदिर के सेवायत एवं प्रख्यात भागवताचार्य पुंडरीक गोस्वामी महाराज के सान्निध्य में किया जा रहा है। सात दिवसीय इस महोत्सव में दंतावली सेवा, विशेष राग सेवा और फूल बंगले दर्शन जैसे विशेष आयोजन किए जा रहे हैं, जो राधा रमणलाल जी की अद्वितीय सेवा परंपरा को दर्शाते हैं।

हेमा मालिनी पारंपरिक दक्षिण भारतीय वेषभूषा में मंदिर पहुंचीं, जहां उनका स्वागत मंदिर पुजारियों ने अंग वस्त्र व प्रसाद देकर किया। महोत्सव में हर दिन भक्ति रस से ओतप्रोत रास लीलाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

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