उत्तर प्रदेश के मथुरा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वृंदावन के सुनरख गांव में 32 वर्षीय युवक राजाबाबू ने पेट के दर्द से परेशान होकर खुद ही ऑपरेशन करने का कदम उठाया। उसने यू-ट्यूब देखकर ऑपरेशन की प्रक्रिया सीखी, फिर मथुरा से ऑपरेशन के लिए जरूरी उपकरण खरीदकर घर पर पेट में चीरा लगाया और 11 टांके भी लगा दिए। जब दर्द असहनीय हो गया, तो परिवार ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर उसकी कहानी सुनकर हैरान रह गए और उसे आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां उसका इलाज जारी है।
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उत्तर प्रदेश के मथुरा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। वृंदावन के सुनरख में रहने वाले एक युवक की हरकत खुद पर ही भारी पड़ गई। युवक ने यूट्यूब पर ऑपरेशन करने का वीडियो देखकर खुद ही अपना ऑपरेशन करने का फैसला लिया। इसके लिए उसने मेडिकल स्टोर से सुन्न करने का इंजेक्शन, ब्लेड और अन्य जरूरी उपकरण खरीदे।
युवक ने ऑपरेशन किया और पेट में 11 टांके भी लगाए। हालांकि, ऑपरेशन के बाद युवक की हालत बिगड़ी और वह तेज दर्द से चीखने लगा। परिजनों ने तुरंत उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों का कहना है कि बिना उचित जानकारी के ऐसा कदम उठाना जानलेवा हो सकता था। राजा बाबू की हालत फिलहाल स्थिर है।
सुनरख निवासी 32 वर्षीय राजाबाबू, जो कि बीबीए की पढ़ाई कर चुका और एक किसान है, हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना का शिकार हुआ। वह घर पर अकेला रहता था और पिछले कुछ दिनों से पेट में तेज दर्द से परेशान था। दर्द से निजात पाने के लिए उसने खुद ही अपने पेट का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।
इस अजीब कदम के लिए, राजाबाबू ने पहले यूट्यूब पर पेट के ऑपरेशन से जुड़े आवश्यक उपकरणों के बारे में जानकारी ली। फिर, उसने मथुरा के एक मेडिकल स्टोर से ऑपरेशन के लिए ब्लेड, बेहोशी का इंजेक्शन और टांके लगाने के लिए सुई खरीद ली।
प्लास्टिक के धागे से लगाए 11 टांके
बुधवार दोपहर, सुनरख निवासी 32 वर्षीय राजाबाबू ने पेट दर्द से राहत पाने के लिए हैरान करने वाला कदम उठाया। उसने खुद ही घर पर पेट का ऑपरेशन किया और प्लास्टिक के धागे से 11 टांके लगा लिए।
लेकिन ऑपरेशन के बाद जब दर्द असहनीय हो गया, तो उसने अपनी स्थिति परिवार को बताई। राजाबाबू के भतीजे राहुल ठाकुर ने उसे तुरंत जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया। जब डॉक्टरों ने राजाबाबू द्वारा खुद ऑपरेशन किए जाने की बात सुनी, तो वे भी हैरान रह गए।
चिकित्सकों ने उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए आगरा के एसएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।