Diwali 2024 Date: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर आखिर कब मनाई जाएगी दिवाली, यहां करें अपना कन्फ्यूजन दूर

31 अक्टूबर या 1 नवंबर आखिर कब मनाई जाएगी दिवाली

दीपावली का त्यौहार नजदीक है, लेकिन इस त्यौहार को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है. दिवाली भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. दिवाली का यह त्यौहार भगवान राम के अयोध्या वापसी के जश्न के रूप में मनाया जाता है. इस साल दीपावली के दिन-तारीख को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन है. कोई 31 अक्टूबर तो 1 नवंबर को दिवाली का पर्व बता रहा है. आइए आपको दीपावली की सही तारीख बताते हैं.

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हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का त्यौहार बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. हिंदू धर्म का ये सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है. 14 साल का वनवास काटकर भगवान श्रीराम इसी दिन वापस अयोध्या आए थे और तभी से इसी खुशी में दिवाली मनाने की परंपरा चली आ रही है. इस खास दिन पर अयोध्या के लोगों ने पूरे नगर को दीयों से सजाया था और तभी से दीयों के साथ दीपावली मनाई जा रही है. पुराणों के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आती हैं और हर घर में विचरण करती हैं. 

दिवाली को “रोशनी का त्यौहार” कहा जाता है, हर साल शरद ऋतु में मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्यौहार है। यह त्यौहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की जीत , अज्ञानता पर ज्ञान , बुराई पर अच्छाई और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। पूरे उत्साह और उमंग के साथ देश भर में इसकी तैयारियां जारी हैं. इस बार दीपावली से जुड़े पांच पर्व की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति भी रही है. देशभर के विद्वान और ज्योतिषाचार्य ने दीपावली पर्व के निर्धारित तिथि को लेकर अपने विचार भी व्यक्त किए हैं.

इस दिन लोग अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों, रंगोली और दीयों से सजाते हैं.इस साल दीपावली के दिन-तारीख को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन है. कोई 31 अक्टूबर तो 1 नवंबर को दिवाली का पर्व बता रहा है. आइए आपको दीपावली की सही तारीख बताते हैं.

लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त

दीपावली में लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे अधिक शुभ समय प्रदोषव्यापिनी अर्थात सूर्यास्त के बाद त्रिमुहूर्त में, कार्तिक अमावस्या को महालक्ष्मी पूजन किया जाता है. दिनांक 31 अक्टूबर 2024 को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि शाम 03:53 बजे तक है और इस समय अमावस्या तिथि की शुरुआत हो जाएगी जोकि 1 नवंबर को शाम 06:17 बजे तक रहेगी

इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा. ऐसे में अमावस्या की तिथि के अनुसार कुछ विद्वान या पंडित दिवाली 31 अक्टूबर को मनाने की सलाह दे रहे हैं तो वहीं कुछ 1 नवंबर को दिवाली मनाने के पक्ष में हैं.

दीवाली पर लक्ष्मी पूजन की सामग्री

माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, कुमुकम, पीला सिंदूर, रोली, सुपारी, नारियल, अक्षत (चावल), अशोक व आम के पत्ते, हल्दी, दीप-धूप, कपूर, रूई,कलावा, मिटटी के दीपक और पीतल का दीपक, दही, शहद, गंगाजल, फूल, फल, गेहूं-जौ, दूर्वा, सिंदूर-चंदन, पंचामृत, बताशे, खील, कलश, शंख, थाली, चांदी का सिक्का आदि.

दीवाली पर लक्ष्मी पूजन विधि

इस दिन आप शुद्ध जल से स्नान कर पूजा के स्थान को गंगाजल का अभिषेक कर शुद्ध करें, चौकी पर सफेद या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. उस पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें. फिर नारियल, मिठाई, फूल (लाल या सफेद) अर्पित करें और धूप, कपूर, घी का दीपक जलाएं. अक्षत (चावल), रोली, कुमकुम, गंगाजल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) और पान के पत्ते पूजन में अर्पित करें. उसके बाद आरती करें और मां लक्ष्मी जी को भोग अर्पित करें

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल अमावस्‍या तिथि 31 अक्‍टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 से लेकर 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 31 अक्‍टूबर की रात को अमावस्‍या तिथि विद्यमान रहेगी. इसलिए 31 अक्‍टूबर की रात को ही दीपावली का त्योहार तर्कसंगत है.

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। न्यूज बीपी भारत यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें।

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