भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे जन्माष्टमी वा गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 26 और 27 अगस्त दोनों दिन मनाई जाएगी. भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर यह महापर्व सोमवार, 26 अगस्त को मनाया जा रहा है. जबकि श्रीकृष्ण की लीलास्थली कहे जाने वाले वृंदावन में मंगलवार, 27 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. यह हिंदू चंद्रमण वर्षपद के अनुसार, भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को भाद्रपद के रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है।
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भगवान श्रीकृष्ण की क्रीडा स्थली नंदगांव में बालकृष्ण 27 अगस्त को जन्म लेंगे। ब्रज के तमाम मंदिरों में कन्हैया 26 अगस्त को जन्म लेंगे। जन्माष्टमी, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी भी कहा जाता है, भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण है और देश के विभिन्न हिस्सों में इसे भिन्न-भिन्न तरीके से मनाने की परंपरा है।
नंदगांव में प्रचलित रीति के अनुसार रक्षा बंधन से ठीक आठ दिन बाद ही जन्माष्टमी का महापर्व मनाया जाता है। जन्मोत्सव के अगले दिन नवमी को नंदगांव में श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव ब्रजमंडल में दो दिन मनाया जाएगा. इसके चलते पूरे मथुरा-वृंदावन में तैयारी शुरू कर दी गई हैं.
जन्मोत्सव के अवसर पर विशाल दंगल का आयोजन भी होता है जिसमें विभिन्न राज्यों के नामी पहलवान अपने मल्ल कौशल का प्रदर्शन करते हैं। नंदबाबा मंदिर के सेवायत व पूर्व चेयरमैन ताराचंद गोस्वामी ने बताया कि नंदगांव में जन्माष्टमी 27 अगस्त को तथा 28 अगस्त को नंदोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।
मथुरा-वृन्दावन में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसके लिए व्यापक सुरक्षा के इंतजाम किये जा रहे हैं. ब्रज में इन दिनों श्रीकृष्ण का 5251 वां जन्मदिन धूमधाम से मनाने के लिए व्यापक तैयारियां चल रही हैं. देशभर में कई भक्त अपने घरों में भी श्रीकृष्ण के जन्मस्थल मथुरा की जन्माष्टमी के अनुसार ही व्रत रखते हैं.
नौ वर्ष तक नंदगांव में रहे श्रीकृष्ण
मान्यता रही हैं कि मथुरा जेल में जन्म के बाद श्री कृष्ण को गोकुल ले जाया गया। कंस के भय के चलते नंदीश्वर पर्वत को सुरक्षित स्थान मान नंदबाबा सपरिवार नंदगांव आकर बस गए। यहां श्री कृष्ण करीब 9 तक रहे। मान्यता है कि कंस के भय के चलते नंदबाबा ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव भी नंदगांव में ही मनाया। इस दौरान विभिन्न देवी देवता भी अलग अलग रूपों में नंदगांव आए जिनका प्रमाण नंदबाबा मंदिर की समाज शृंखला एवं अन्य धार्मिक पुस्तकों में मिलता है।
बांके बिहारी मंदिर में होगी मंगला आरती
वहीं, विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव 27 अगस्त को मनाया जा रहा है . बांके बिहारी की प्रमुख मंगला आरती होती है. शाम को आरती के बाद रात में भगवान का अभिषेक होगा. इसके बाद प्रभु बांके बिहारी की मंगला आरती होगी, जो साल में एक बार ही होती है.
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