World Environment Day: हर साल 5 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस? इस साल की खास थीम के बारे में यहां जानें, इस दिवस पर लें ये पांच संकल्प 

World Environment Day: हर साल 5 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस?

हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लोगों को प्रकृति के साथ संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। इस दिन की शुरुआत 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान की गई थी। तभी से यह दिवस दुनियाभर में मनाया जा रहा है।

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हर वर्ष यह दिन एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। साल 2025 की थीम है, एंड प्लास्टिक पॉल्यूशन’। यह विषय इसलिए चुना गया है क्योंकि प्लास्टिक प्रदूषण आज वैश्विक स्तर पर सबसे गंभीर पर्यावरणीय समस्याओं में से एक बन गया है। प्लास्टिक न तो जल्दी नष्ट होता है और न ही पूरी तरह रिसाइकिल होता है, जिससे यह पर्यावरण, जलीय जीवन और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है। समुद्रों में फेंका गया प्लास्टिक समुद्री जीवों को नुकसान पहुंचा रहा है, और माइक्रोप्लास्टिक इंसानों के भोजन और पानी में मिलकर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

5 जून को ही यह दिन इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1972 में पहली बार पर्यावरण पर वैश्विक सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसे स्टॉकहोम सम्मेलन कहा गया। इसी के बाद संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की स्थापना हुई और 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस घोषित किया गया।

हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है एक ऐसा दिन जो न केवल प्रकृति के महत्व को उजागर करता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सामूहिक प्रयासों को भी प्रेरित करता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1972 में इस दिन की शुरुआत की गई थी, जब स्टॉकहोम सम्मेलन में पर्यावरणीय मुद्दों पर पहली बार वैश्विक स्तर पर चर्चा हुई थी। वर्तमान में यह दिवस 150 से अधिक देशों में मनाया जाता है और यह स्थानीय, राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय जागरूकता और कार्रवाई को प्रोत्साहित करता है।

थीम 2025: ‘प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें’
इस वर्ष की थीम ‘End Plastic Pollution’ दुनिया के सामने खड़ी सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक, प्लास्टिक प्रदूषण पर केंद्रित है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से केवल एक छोटा हिस्सा ही पुनर्चक्रित किया जाता है।

प्लास्टिक न केवल धरती की सतह पर, बल्कि समुद्री जीवन और मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन चुका है। माइक्रोप्लास्टिक हमारे भोजन और जल स्रोतों में पहुंच रहा है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

पर्यावरण संरक्षण की अहमियत
जलवायु परिवर्तन, बढ़ती ग्लोबल वॉर्मिंग, असामान्य मौसम परिवर्तन और विलुप्त हो रही प्रजातियां, ये सभी संकेत देते हैं कि पृथ्वी पर जीवन को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। छोटे-छोटे कदम जैसे प्लास्टिक का कम उपयोग, पुनर्चक्रण, और हरियाली को बढ़ावा देना, बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।

एकजुट प्रयासों की जरूरत
विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो हमें हमारी जीवनशैली पर पुनर्विचार करने और प्रकृति के साथ संतुलन स्थापित करने के लिए प्रेरित करता है।सरकारों, संगठनों, और आम नागरिकों से लेकर स्कूली बच्चों तक, यह दिवस सभी को जागरूक करने और पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करता है।

इस दिवस पर लें ये पांच संकल्प

पौधरोपण करें, पर्यावरण बचाएं
पर्यावरण को सुरक्षित रखने का सबसे आसान तरीका है पौधरोपण। पेड़ कार्बनडाइऑक्साइड को अवशोषित कर ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और सेहत को भी लाभ मिलता है। हर महीने कम से कम दो से तीन पौधे जरूर लगाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

गीला और सूखा कचरा रखें अलग
पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक जरूरी कदम है कचरे का सही प्रबंधन। गीला कचरा जैसे सब्जियों के छिलके और चायपत्ती को खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पौधों को पोषण मिलता है और कचरे की मात्रा घटती है।

प्लास्टिक का कम करें इस्तेमाल
प्लास्टिक प्रदूषण को रोकना बेहद जरूरी है। इसके लिए सूती, जूट या बायोडिग्रेडेबल बैग का उपयोग करें। यह न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है बल्कि बार-बार इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

पानी की बर्बादी से बचें
पानी की हर बूंद कीमती है। नल या टंकी से अनावश्यक बहते पानी को रोकें। बर्तन धोते समय जरूरत भर ही पानी चलाएं और लीक होते नल को तुरंत ठीक कराएं।

साइकिल या पैदल चलें
वाहनों से निकलने वाला धुंआ वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है। छोटे सफर के लिए साइकिल या पैदल चलने की आदत डालें। इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता और आपकी सेहत भी सही रहती है।

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