महाकुंभ 2025 में उमड़ा आस्था का सैलाब, 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में किया स्नान

महाकुंभ 2025 में 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में किया स्नान

प्रयागराज में महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के अवसर पर संपन्न हुआ, जिसमें जूना अखाड़ा समेत सभी 13 अखाड़ों के संतों ने स्नान किया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 2.5 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर लगातार फूल बरसाए गए।स्नान के बाद श्रद्धालु वापस लौटने लगे, जिससे रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भारी भीड़ हो गई। प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर लोगों को हॉल में रोका गया और ट्रेनों के हिसाब से प्लेटफार्म पर भेजा जा रहा था।

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प्रयागराज महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान पर्व के मौके पर मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर त्रिवेणी संगम पर भक्तों का अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस मौके पर 3.50 करोड़ से अधिक संतों और श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक आयोजन की जानकारी दी और बताया कि यह स्नान पर्व महाकुंभ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण साबित हुआ है। श्रद्धालुओं ने इस मौके पर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया और देशभर से आकर धार्मिक अनुष्ठान किए।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के अवसर पर मकर संक्रांति के दिन संगम में आस्था की डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन किया।

उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, आस्था, समता और एकता के महासमागम ‘महाकुंभ-2025, प्रयागराज’ में पावन ‘मकर संक्रांति’ के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन! मुख्यमंत्री ने महाकुंभ की भव्यता और धार्मिक महत्त्व को रेखांकित करते हुए श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान पर्व के सफल आयोजन पर सभी को बधाई दी। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों और श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।”

सीएम ने आगे कहा, “प्रथम अमृत स्नान पर्व के सकुशल संपन्न होने पर सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, महाकुंभ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छता कर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, नाविकों और महाकुंभ से जुड़े केंद्र एवं प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद। साथ ही प्रदेशवासियों को भी बधाई!

।सुबह 6 बजे अमृत स्नान का दृश्य अद्भुत था, जब संन्यासी हाथों में तलवार-त्रिशूल लेकर घाटों पर पहुंचे। पहली बार शाही स्नान की जगह “अमृत स्नान” शब्द का इस्तेमाल किया गया। महिला नागा साधुओं समेत सभी अखाड़ों के संतों ने एक साथ स्नान किया।महाकुंभ में भारी भीड़ और आकाश से फूलों की बारिश का अद्भुत नजारा देखने को मिला।

महाकुंभ मेले में पहुंची कथा वाचक जया किशोरी ने मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा “यह मेरा पहला कुंभ स्नान है, और मैं चाहती हूं कि हर भारतीय महाकुंभ के दर्शन कर सके। यह हमारे धर्म और संस्कृति को दुनिया के सामने लाने का अवसर है, जिससे युवा भगवान और भक्ति की ओर आकर्षित हो सकें।

मेला क्षेत्र में नागा साधु बने आकर्षण का मुख्य केंद्र

महाकुंभ 2025 के पहले ‘अमृत स्नान’ के अवसर पर मंगलवार को त्रिवेणी तट पर नागा साधुओं ने अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन किया, जिसने तीर्थयात्रियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान पुरुष नागा साधुओं के साथ-साथ महिला नागा साधुओं की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रही.

अमृत स्नान के मौके पर, नागा साधुओं ने अधिकांश अखाड़ों का नेतृत्व करते हुए अपनी पारंपरिक वेशभूषा और कठोर अनुशासन से दर्शकों को पूरी तरह आकर्षित कर लिया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने अपनी निपुणता से भाले और तलवारों का चलाना दिखाया, वहीं साथ ही ऊर्जावान तरीके से ‘डमरू’ बजाकर अपनी सदियों पुरानी परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन किया। यह दृश्य न केवल उनके कौशल, बल्कि उनके धार्मिक समर्पण का भी प्रतीक था, जिसने सभी श्रद्धालुओं को अभिभूत कर दिया।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, लाठी के साथ करतब और अन्य मार्शल कला के प्रदर्शन ने नागा साधुओं के जोशीले अभिनय को और भी प्रभावशाली बना दिया, जिसके परिणामस्वरूप भक्त पूरी तरह मंत्रमुग्ध हो गए।

अमृत स्नान के लिए आयोजित अखाड़ों की भव्य शोभायात्रा (जुलूस) में, कई नागा साधु घोड़ों पर शान से सवार थे, जबकि अन्य अपनी विशिष्ट पोशाक और आभूषणों से सजे हुए पैदल चल रहे थे, जो धार्मिक आयोजन की महिमा को और भी बढ़ा रहे थे।

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