उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में करीब तीन साल बाद न्याय मिला है। शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इस मामले पर पूरे देश की नजरें टिकी थीं और अदालत के फैसले का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था।
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जानिए पूरा मामला
बताया गया था की 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ने 28 अगस्त, 2022 को ऋषिकेश के पास यमकेश्वर के गंगा भोगपुर तल्ला स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी शुरू की थी। नौकरी के महज 20 दिन बाद, 18 सितंबर की रात वह अचानक लापता हो गई। पांच दिन बाद 24 सितंबर को उसका शव ऋषिकेश के पास चीला शक्ति नहर से बरामद हुआ।
हत्या की वजह
सूत्रों के हवाले से जांच में सामने आया कि अंकिता ने रिजॉर्ट में आए एक ‘वीआईपी’ अतिथि को कथित तौर पर एक्स्ट्रा सर्विस देने से इनकार कर दिया था, जिससे विवाद हुआ। आरोप है कि इसी के चलते पुलकित आर्य और उसके साथियों ने उसकी हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया।
आरोपी और जांच
मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, भाजपा के एक पूर्व नेता का पुत्र है। उसके खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354A (यौन उत्पीड़न), और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए थे। मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई थी, जिसने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की और 97 गवाहों को नामित किया, जिनमें से 47 को अदालत में पेश किया गया।
कोर्ट में कड़ी सुरक्षा
अदालत में फैसले के दिन सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे को सील कर दिया गया था और केवल केस से जुड़े पक्षों व स्टाफ को ही भीतर प्रवेश की अनुमति थी। बड़ी संख्या में लोग अदालत के बाहर फैसले का इंतजार करते नजर आए।
अंततः न्याय मिला
अंकिता भंडारी का यह मामला उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश में आक्रोश का कारण बना था। आज कोर्ट के फैसले ने समाज को यह संदेश दिया कि कानून के हाथ लंबे हैं और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।