श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह केस में रिकॉल एप्लिकेशन पर फैसला आज, मुस्लिम पक्ष ने की सिविल सूट की एक साथ सुनवाई का आदेश वापस लेने की मांग

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह केस में रिकॉल एप्लिकेशन पर फैसला आज

मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह केस में आज बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी पर अपना फैसला सुनाएगा। इससे पहले 16 अक्टूबर को हिंदू और मुस्लिम पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद कोर्ट ले फैसला रिजर्व कर लिया था। मु​स्लिम पक्ष का कहना था कि सभी 15 वादों में मांगी गई राहतें अलग-अलग और असमान हैं, इसलिए इन्हें एक साथ सुनना गलत है. आपको बता दें की न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन मामले की सुनवाई कर रहे हैं.

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मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष की रीकाल अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच का फैसला दोपहर 3:50 पर आएगा. शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ किए जाने के आदेश को चुनौती दी है और अदालत से यह आदेश वापस लिए जाने की मांग की है.

श्री कृष्ण जन्म भूमि विवाद के पक्षकार एवं श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया, न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ के समक्ष मंदिर और मस्जिद पक्ष की तरफ से बहस की गई थी।  पक्ष ने आर्डर सात रूल 11 के तहत दिए गए प्रार्थना को खारिज कर स्वामित्व से जुड़े 15 सिविल वादों को एक साथ सुने जाने के कोर्ट के निर्णय खिलाफ रीकाल प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।

आज के फैसले में अदालत यह करेगी कि हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई तकरीबन डेढ़ दर्जन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाए या नहीं. इस विवाद को लेकर हाईकोर्ट से आज आने वाला फैसला बेहद ख़ास होगा. हाईकोर्ट अगर मुस्लिम पक्ष की अर्जी को मंजूर कर लेता है तो मुकदमों का ट्रायल भी प्रभावित हो सकता है.

न्यायालय ने श्रीकृष्ण भूमि व ईदगाह विवाद में दाखिल किए गए सभी 15 वाद को एक साथ सुनने का आदेश 11जनवरी 2024 को दिया था। सिविल वादों की पोषणीयता पर सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने वाद बिंदु तय करने के लिए तारीख नीयत की थी। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए रिकॉल प्रार्थनापत्र का निस्तारण करने की मांग की थी।

मंदिर पक्ष की तरफ से कहा गया कि रीकाल प्रार्थना पत्र मामले को उलझाए रखने के लिए है। रीकाल प्रार्थना पत्र किसी आदेश को वापस लेने के लिए दी जाती है। अदालत रीकाल प्रार्थना पत्र निस्तारण करने के बाद सिविल वादों को लेकर वाद बिंदु तय करेगी। मंदिर पक्ष ने वाद बिंदु दे दिए हैं।  

हिंदू पक्ष ने रीकॉल अर्जी का विरोध किया था

हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की रीकॉल अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि कि सभी मुकदमों में मुख्य रूप से एक ही मांग की गई है. विवादित जगह एक बार फिर से हिंदुओं को सौंप कर उन्हें वहां पूजा का अधिकार दिया जाए.

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