उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित एक ऐतिहासिक शिव मंदिर के कपाट 46 साल बाद खोले गए हैं। मंदिर के अंदर सफाई के बाद पूजा-अर्चना का आयोजन भी शुरू हो गया है। इस ऐतिहासिक पल का वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
यह भी पढ़ें : राशिफल 14 दिसंबर 2024 : आज दिन शनिवार, बन रहा है गौरी योग, इन राशियों को करियर में मिलेगी सफलता, होगी उन्नति।
उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल बाद शिव मंदिर के कपाट खोले गए। इसके बाद मंदिर में साफ-सफाई का काम पूरा किया गया और हिंदू समुदाय ने यहां पूजा-अर्चना शुरू की। इस दौरान “हर-हर महादेव” के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। यह शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर के पास स्थित है और मामला नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय का बताया जा रहा है।
जानिए पूरा मामला
संभल प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 46 साल बाद शिव मंदिर के दरवाजे खोल दिए हैं। यह मंदिर उसी इलाके में स्थित है, जहां हाल ही में हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद पड़ा था। मंदिर के दरवाजे खुलने के बाद पुलिसकर्मियों ने खुद ही शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को साफ किया। नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी ने दावा किया है कि 1978 के बाद यह मंदिर फिर से खोला गया है। इस घटनाक्रम के बाद, इलाके में धार्मिक माहौल बन गया और लोग पूजा-अर्चना करने मंदिर पहुंचे।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा का बयान
संभल प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 46 साल बाद शिव मंदिर के दरवाजे खोल दिए हैं। यह मंदिर उसी इलाके में स्थित है, जहां हाल ही में हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद पड़ा था। मंदिर के दरवाजे खुलने के बाद पुलिसकर्मियों ने खुद ही शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को साफ किया। नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी ने दावा किया है कि 1978 के बाद यह मंदिर फिर से खोला गया है।
क्यों हुई थी संभल में हिंसा
संभल: हिंदू पक्ष ने अदालत में याचिका दायर कर शाही मस्जिद के स्थान को मंदिर की भूमि बताते हुए मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की थी। अदालत ने इस पर आदेश देते हुए मस्जिद का सर्वे कराने के निर्देश दिए। अगले दिन जब सर्वे टीम मौके पर पहुंची, तो उग्र भीड़ ने उनका विरोध किया। विरोध के दौरान हिंसा फैल गई, जिसमें कई लोग मारे गए।