NEET-UG पेपर लीक केस में बड़ी कार्रवाई, CBI ने एम्स पटना के 4 स्नातक छात्रों को हिरासत में लिया

NEET-UG पेपर लीक केस में बड़ी कार्रवाई- CBI ने एम्स पटना के 4 स्नातक छात्रों को हिरासत में लिया

NEET पेपर लीक मामले में सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले एनईईटी-यूजी पेपर लीक विवाद से जुड़े एम्स पटना के चार डॉक्टरों को हिरासत में लिया है।डॉक्टरों का कमरा भी सील कर दिया है. इनका लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है.

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नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले में बड़ी कार्यवाही करते हुए NEET-UG 2024 में पेपर लीक और अनियमितताओं के मामले में एम्स पटना के चार डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। वहीं चारों डॉक्टर 2021 बैच के बताए जा रहे हैं, और CBI ने उनसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। संघीय एजेंसी ने डॉक्टरों के कमरों को भी सील कर दिया है और उनके लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है

चार छात्रों में से तीन थर्ड ईयर के जबकि एक सेकंड ईयर का छात्र है। चारों छात्रों में से तीन बिहार के रहने वाले हैं तो वहीं एक झारखंड के धनबाद का रहने वाला है. बता दें एक दिन पहले राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा के प्रश्न पत्र चुराने के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की पहचान बिहार के पटना के पंकज कुमार और झारखंड के हजारीबाग के राजू सिंह के तौर पर हुई है

पटना से गिरफ्तार पंकज सिंह ने ट्रंक से पेपर चोरी करके लीक किया था. जबकि राजू ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र प्रसारित करने में उसकी मदद की थी। अधिकारियों ने बताया कि पटना की एक विशेष अदालत ने बुधवार को पंकज कुमार को 14 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है, जबकि राजू को 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया।

सीबीआई ने नीट पेपर लीक मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक को गुजरात के लातूर और गोधरा में कथित हेरफेर के सिलसिले में और एक को सामान्य साजिश के सिलसिले में देहरादून से पकड़ा गया था 12 जुलाई को मामले के सरगना रॉकी उर्फ ​​राकेश रंजन समेत 13 अन्य आरोपियों की हिरासत भी सीबीआई को बिहार से मिल गई।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी। 11 जुलाई को पिछली सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने उन याचिकाओं की सुनवाई आज तक के लिए स्थगित कर दी थी, जिनमें परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा देने और एनईईटी-यूजी 2024 के संचालन में कथित कदाचार की जांच की मांग शामिल थी। कुछ पक्षों को केंद्र और एनटीए की प्रतिक्रियाएं अभी तक प्राप्त नहीं हुई हैं।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा आज एनईईटी-यूजी विवाद के संबंध में 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी।

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