Hathras Stampede: हाथरस हादसे पर SIT की रिपोर्ट के बाद बड़ा एक्शन, एसडीएम, सीओ समेत छह को किया सस्पेंड।

एसडीएम, सीओ समेत छह को किया सस्पेंड।

2 जुलाई को हाथरस में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान अचानक भगदड़ मचने से 122 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन क‍िया गया था। वह इस मामले एसआईटी ने जांच रिपोर्ट सौंप दी है। एसआईटी ने मामले में साजिश से इन्कार नहीं किया है और गहन जांच करने के लिए कहा है।

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हाथरस भगदड़ मामले में एसआईटी द्वारा बीते शुक्रवार को जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी गयी थी. जांच के दौरान 100 लोगों का बयान दर्ज किया गया था. हादसे का मुख्य रूप से जिम्‍मेदार आयोजकों और अफसरों को माना गया है। अब इस रिपोर्ट के आधार पर  सरकार ने एक्शन लिया है. इस रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम और सीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए योगी सरकार ने सिकंदरामऊ के एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत छह लोगों को निलंबित कर दिया है।

हाथरस के सिकन्दराराऊ में बीते 2 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित दुर्घटना के तत्काल मामले की जांच के ल‍िए एसआईटी का गठन क‍िया गया था। जिसके बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 2, 3 और 5 जुलाई को घटनास्थल का निरीक्षण करने के दौरान 125 लोगों का बयान भी लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी दर्ज किया गया।

एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर हादसे का मुख्य रूप से जिम्‍मेदार आयोजकों और अफसरों को माना है।

एसआईटी ने कहा है कि आयोजकों की लापरवाही से यह दर्दनाक हादसा हुआ। भीड़ को निमंत्रण देकर पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गयी। स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई और वरिष्ठ अफसरों को समुचित जानकारी नहीं दी। जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ व तहसीलदार सहित छह लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है.

जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में ये मुख्य प्वाइंट्स… 
– एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर हाथरस में हुए हादसे में मुख्य रूप से जिम्मेदार कार्यक्रम आयोजकों माना है।-

जांच के दौरान कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के लिए जिम्मेदार माने गए हैं।

उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की परमिशन दे दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।

इन अधिकारियों ने कार्यक्रम को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई और वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं दी।

एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को सस्पेंड कर कर दिया है।

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