इंदौर में 2021 में, एक भाई-बहन की जोड़ी, 21 साल की बेटी और आठ साल के बेटे ने मोबाइल पर रोक के कारण अपने माता-पिता के खिलाफ चंदन नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. माता-पिता ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी है, जहां ट्रायल पर अंतरिम रोक लगी है.
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मध्य प्रदेश के इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. जिसमें माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को टीवी और मोबाइल चलाने से रोकने पर बच्चों ने अपने ही माता-पिता के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया. बताया जा रहा है की माता-पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले 21 वर्षीय बेटी और 8 वर्षीय बेटा है.
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ द्वारा भाई-बहन द्वारा अपने माता-पिता के खिलाफ उन्हें टीवी और फिल्में देखने की अनुमति नहीं देने के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी गयी है।
2021 में, एक भाई-बहन की जोड़ी, 21 साल की बेटी और आठ साल के बेटे ने अपने माता-पिता पर मोबाइल फोन के इस्तेमाल और टीवी देखने पर प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाते हुए दोनों के खिलाफ खिलाफ चंदन नगर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करा दी है.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर जिला अदालत में चालान पेश किया है. मामले को खारिज कराने के लिए माता-पिता ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की है. अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी के अनुसार, दायर याचिका में कहा गया है कि बच्चों को टीवी और मोबाइल देखने पर डांटना सामान्य बात है और इसके लिए एफआईआर दर्ज करना अनुचित है.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे मुद्दों को परिवार के भीतर ही सुलझाया जाना चाहिए, माता-पिता को मामलों को कानूनी कार्यवाही तक ले जाने के बजाय अपने बच्चों की काउंसलिंग करनी चाहिए।
”हाल ही में मामले के मुख्य आरोपी बच्चों के पिता अजय चौहान ने मामले में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत मप्र हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के समक्ष याचिका दायर की थी. 25 जुलाई को मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने समाचार एजेंसी एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा, ”कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी।”